चुटकुले का कविताकरण
पत्नी जी बोलीं एक बार मेरे प्राणप्रिय,
कोई चीज़ सोने की तो हमको दिलाइए,
वैलेंटाइन डे की कविता तो हैं सुनाते आप,
होली पर ही सही वैलेंटाइन तो मनाइए,
जब तक आप नहीं देते सोने वाली चीज़,
तब तक बात नहीं करूँगी मैं जाइए,
अगले ही दिन उन्हें गिफ्ट दिया एवं कहा,
सोने की ये गोलियाँ हैं खाइए सो जाइए।
अभिनव
बुरा ना मानो होली है।
प्रश्नः क्या पति डरपोक होते है?
उत्तरः नहीं जो डरपोक होते हैं, वो कुँवारे रहते हैं।
महा लिख्खाड़
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आप सबको होली की अनेक शुभकामनाएँ
Mar 15, 2006प्रेषक: अभिनव @ 3/15/2006
Labels: हास्य कविता
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1 प्रतिक्रियाएं:
बहुत बढिया है, अभिनव भाई.
होली मुबारक आपकॊ...
समीर लाल
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