महा लिख्खाड़
-
स्वमित्र, दांत के डाक्टर1 day ago
-
मैं हूं इक लम्हा4 weeks ago
-
दिवाली भी शुभ है और दीवाली भी शुभ हो1 month ago
-
-
बाग में टपके आम बीनने का मजा4 months ago
-
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है1 year ago
-
पितृ पक्ष1 year ago
-
-
व्यतीत4 years ago
-
Demonetization and Mobile Banking7 years ago
-
मछली का नाम मार्गरेटा..!!10 years ago
नाप तोल
1 Aug2022 - 240
1 Jul2022 - 246
1 Jun2022 - 242
1 Jan 2022 - 237
1 Jun 2021 - 230
1 Jan 2021 - 221
1 Jun 2020 - 256
पांच
Aug 18, 2011ललितजी की पोस्ट के कमेंट्स पढ़कर पांच पर बन गयी एक कुंडली:
पांच उँगलियाँ, पांच हैं सागर अति विशाल,
पांच सितारा होटल में, पञ्च मेल की दाल,
पञ्च मेल की दाल खा गए पांडव न्यारे,
पांच चिन्ह दे गए हैं हमको पंज पियारे,
पञ्च तत्व, पंजाब और पंचामृत को जांच,
ओलम्पिक के खेल में भी हैं छल्ले पांच.
काम क्रोध मद मोह और लोभ हैं पञ्च विकार,
साम दाम दंड भेद भय ये हैं पञ्च उपचार,
ये हैं पञ्च उपचार, पांचवा साल चुनावी,
व्यास, चिनाब, झेलम अपनी सतलुज रावी,
पञ्च प्रचारक पोस्ट की भली करें श्री राम,
तीन पांच काफी हुआ करते हैं अब काम.
प्रेषक: अभिनव @ 8/18/2011 0 प्रतिक्रियाएं
Subscribe to:
Posts (Atom)