जिनके अपनों की कब्रें हैं,
फूल चढ़ा लेने दो उनको,
जब झगड़ा था, तब झगड़ा था,
अब कोई टकराव नहीं है,
मौसम बदल चुका है सारा,
मज़ारों पर जूता चप्पल,
मेहमानों पर ईंटा पत्थर,
ये लखनऊ की तहज़ीब नहीं है।
महा लिख्खाड़
-
कालीन की फिनिशिंग18 hours ago
-
हिंदी भाषा की विश्वव्यापकता4 weeks ago
-
रेत में फंसी नांव से वापसी!!1 month ago
-
सहारनपुर डेटलाइन प्रारंभ6 months ago
-
रूपांतरण8 months ago
-
गीत संगीत की दुनिया10 months ago
-
-
व्यतीत3 years ago
-
इंतज़ामअली और इंतज़ामुद्दीन3 years ago
-
Demonetization and Mobile Banking6 years ago
-
मछली का नाम मार्गरेटा..!!8 years ago
नाप तोल
ये लखनऊ की तहज़ीब नहीं है
Sep 26, 2007प्रेषक: अभिनव @ 9/26/2007 4 प्रतिक्रियाएं
Labels: कविताएं
सुनिए कवितांजलि - रेडियो सलाम नमस्ते - २३ सितंबर २००७
Sep 24, 2007रेडियो सलाम नमस्ते पर प्रत्येक रविवार को कवितांजली नामक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। आप इसे आनलाईन भी सुन सकते हैं। इस सप्ताह प्रसारित हुए कार्यक्रम के एक अंश को आप यहाँ सुन सकते हैं।
program_sep232007.... |
कार्यक्रमः कवितांजलि
समयः प्रत्येक रविवार शाम ९ बजे (डालस टाईम) - (भारत के समयानुसार सोमवार सुबह साढ़े सात बजे)
मुख्य प्रस्तुतकर्ताः आदित्य प्रकाश सिंह
आयोजकः डा नन्दलाल सिंह (अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति, डालस)
इस अंश का संचालनः अभिनव शुक्ल
इस अंश के कविः
**** राकेश खण्डेलवाल (वाशिंगटन डीसी, यू एस ए) और
**** डा आदित्य शुक्ल (बैंगलूरू, भारत)
नोटः आपको यदि लगता है कि आपकी कविता को भी इसमें शामिल किया जा सकता है तो कृपया अपनी कविता किसी भी आडियो/वायस फारमैट में shukla_abhinav at yahoo.com पर भेज दीजिए। यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके पास कोई ऐसी रिकार्डिंग है जिसे इस कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है तो कृपया उसे भी आप इसी ईमेल पर भेज सकते हैं।
प्रेषक: अभिनव @ 9/24/2007 4 प्रतिक्रियाएं
Labels: पाडकास्ट
सुनिए कवितांजलि - रेडियो सलाम नमस्ते - १६ सितंबर २००७
Sep 17, 2007रेडियो सलाम नमस्ते पर प्रत्येक रविवार को कवितांजली नामक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। आप इसे आनलाईन भी सुन सकते हैं। इस सप्ताह प्रसारित हुए कार्यक्रम के एक अंश को आप यहाँ सुन सकते हैं।
program_sep162007.... |
कार्यक्रमः कवितांजलि
समयः प्रत्येक रविवार शाम ९ बजे (डालस टाईम) - (भारत के समयानुसार सोमवार सुबह साढ़े सात बजे)
मुख्य प्रस्तुतकर्ताः आदित्य प्रकाश सिंह
आयोजकः डा नन्दलाल सिंह (अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति, डालस)
इस अंश का संचालनः अभिनव शुक्ल
इस अंश के कविः
**** डा अंजना संधीर (न्यूयार्क, यू एस ए) और
**** डा सुनील जोगी (दिल्ली, भारत)
नोटः आपको यदि लगता है कि आपकी कविता को भी इसमें शामिल किया जा सकता है तो कृपया अपनी कविता किसी भी आडियो/वायस फारमैट में shukla_abhinav at yahoo.com पर भेज दीजिए। यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके पास कोई ऐसी रिकार्डिंग है जिसे इस कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है तो कृपया उसे भी आप इसी ईमेल पर भेज सकते हैं।
प्रेषक: अभिनव @ 9/17/2007 1 प्रतिक्रियाएं
रामरस - एक नया चिट्ठा
Sep 12, 2007संतोषकुमार पाल जी नें "रामरस" नामक अपना हिंदी ब्लाग बनाया है।
संतोषजी को गीता का बड़ा ज्ञान है तथा भागवत सहित अन्य अनेक पुराणों का भी वे नित्य अध्ययन करते रहते हैं। वे प्रत्येक शुक्रवार अपने घर पर श्रीमद्भगवद्गगीता पर बड़ी सार्थक चर्चा का आयोजन करते हैं जिसमें अनेक लोग नियमित शामिल होते हैं। आशा है कि हमारा ब्लाग जगत उनके विचारों से नित्य लाभान्वित होता रहेगा।
कृपया यहाँ देखें ramras.blogspot.com
प्रेषक: अभिनव @ 9/12/2007 4 प्रतिक्रियाएं
सुनिए कवितांजलि - रेडियो सलाम नमस्ते - ०९ सितंबर २००७
Sep 10, 2007रेडियो सलाम नमस्ते पर प्रत्येक रविवार को कवितांजली नामक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। आप इसे आनलाईन भी सुन सकते हैं। इस सप्ताह प्रसारित हुए कार्यक्रम के एक अंश को आप यहाँ सुन सकते हैं।
program_sep092007.... |
कार्यक्रमः कवितांजलि
समयः प्रत्येक रविवार शाम ९ बजे (डालस टाईम) - (भारत के समयानुसार सोमवार सुबह साढ़े सात बजे)
मुख्य प्रस्तुतकर्ताः आदित्य प्रकाश सिंह
आयोजकः डा नन्दलाल सिंह (अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति, डालस)
इस अंश का संचालनः अभिनव शुक्ल
नोटः आपको यदि लगता है कि आपकी कविता को भी इसमें शामिल किया जा सकता है तो कृपया अपनी कविता किसी भी आडियो/वायस फारमैट में shukla_abhinav at yahoo.com पर भेज दीजिए। यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके पास कोई ऐसी रिकार्डिंग है जिसे इस कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है तो कृपया उसे भी आप इसी ईमेल पर भेज सकते हैं।
प्रेषक: अभिनव @ 9/10/2007 0 प्रतिक्रियाएं
Labels: पाडकास्ट