संतोषकुमार पाल जी नें "रामरस" नामक अपना हिंदी ब्लाग बनाया है।
संतोषजी को गीता का बड़ा ज्ञान है तथा भागवत सहित अन्य अनेक पुराणों का भी वे नित्य अध्ययन करते रहते हैं। वे प्रत्येक शुक्रवार अपने घर पर श्रीमद्भगवद्गगीता पर बड़ी सार्थक चर्चा का आयोजन करते हैं जिसमें अनेक लोग नियमित शामिल होते हैं। आशा है कि हमारा ब्लाग जगत उनके विचारों से नित्य लाभान्वित होता रहेगा।
कृपया यहाँ देखें ramras.blogspot.com
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रामरस - एक नया चिट्ठा
Sep 12, 2007प्रेषक: अभिनव @ 9/12/2007
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4 प्रतिक्रियाएं:
अच्छा लगा जान कर. पर गीता-भागवत के विद्वान और ब्लॉग रामरस!
बढ़िया है. जाते हैं वहीं देखने. आभार बताने का. :)
वहीं जाकर पढ़ते हैं जी। धन्यवाद इस समाचार के लिए। :)
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाए
..........................
कह दो पुकार कर सुनले दुनिया सारी
हम हिन्द तनय हैं हिन्दी मातु हमारी
भाषा हम सब की एक मात्र हिन्दी हैं
सुभ,सत्व और गण की खान ये हिन्दी है
भारत की तो बस प्राण ये हिन्दी हैं
हिन्दी जिस पर निर्भर हैं उन्नति सारी
हम हिन्द तनय हैं हिन्दी मातु हमारी
१९३४ मे लाहौर से रंगभुमि मे प्रकाशित मनोरंजन भारती जी की यह कविता आप www.ekavisammelan.blogspot.com पर पुरी पढ सकते हैं तथा अशोक चक्रधर जी की आवाज मे इसे सुन भी सकते हैं हर हिन्दी भाषी की रगो को नव स्फ़ुर्ति नव चेतना का संचार करने वाली यह कविता आज भी प्रासंगिक है आप भी इस कविता का अधिक से अधिक हिन्दी भाषियो को जानकारी दे सकते हैं .
प्रतीक शर्मा (www.hindiseekho.com)
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