हास्य दर्शन

Jan 30, 2015



लगभग दस वर्ष पहले (२००५) की बात है, कवि सम्मेलनों हेतु अमेरिका जाने का निमंत्रण आया था। वहां के पंद्रह नगरों में कार्यक्रम होने थे। सोम ठाकुर और उदय प्रताप सिंह जी के संग एक महीने का प्रवास होना था। पिछले वर्ष गोपालदास नीरज जी के साथ सर्वेश अस्थाना जी इन कार्यक्रमों में गए थे अतः हमनें सर्वेश जी को फोन किया तथा उनसे कुछ गुरु मंत्र प्राप्त किये। नीरज जी ने अपना आशीर्वाद देते हुए एक पत्र भेजा जो कि मेरे जीवन की अमूल्य निधियों में से है. सर्वेश जी नें बतलाया कि अपनी सीडी और किताब आदि ले जाना। फिर क्या था इस दिशा में कार्य प्रारम्भ हो गया। डॉ आदित्य शुक्ल, अखिल अग्रवाल और दीप्ति ने सञ्चालन की रूप रेखा तैयार करी, ज़फर मोहिउद्दीन के निर्देश पर रिकॉर्डिंग स्टूडियो बुक किया गया और अंततः कान पर बड़े बड़े कनटोप लगा कर रिकॉर्डिंग पूरी हुयी। कल्पा रमइया नें अपना बनाया चित्र सहर्ष कवर हेतु प्रदान किया तथा वेद प्रकाश पाण्डेय जी के छोटे भाई अजय नें कवर डिज़ाइनिंग की बागडोर संभाली। सीडी का विमोचन राकेश खण्डेलवाल, अनूप भार्गव, सोम ठाकुर तथा उदय प्रताप सिंह के कर कमलों द्वारा अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डी सी में हुआ। यह सीडी मेरी पहली प्रकाशित कृति थी। इसके बाद अनेक पुस्तकें और सीडी आदि प्रकाशित हुयी हैं, पर दिल के जितने निकट ये है उतने निकट कोई दूसरी कृति नहीं पहुँच सकी है।


"हास्य-दर्शन"- कवि अभिनव का जयकारा
पिलखुवा में हुई हास्य दर्शन काव्य संध्या