चुटकुले का कविताकरण
पत्नी जी बोलीं एक बार मेरे प्राणप्रिय,
कोई चीज़ सोने की तो हमको दिलाइए,
वैलेंटाइन डे की कविता तो हैं सुनाते आप,
होली पर ही सही वैलेंटाइन तो मनाइए,
जब तक आप नहीं देते सोने वाली चीज़,
तब तक बात नहीं करूँगी मैं जाइए,
अगले ही दिन उन्हें गिफ्ट दिया एवं कहा,
सोने की ये गोलियाँ हैं खाइए सो जाइए।
अभिनव
बुरा ना मानो होली है।
प्रश्नः क्या पति डरपोक होते है?
उत्तरः नहीं जो डरपोक होते हैं, वो कुँवारे रहते हैं।
महा लिख्खाड़
-
चक्रधर दुबे4 days ago
-
होली है पर्याय प्रेम का!4 weeks ago
-
मतदाता जागरूकता गीत1 month ago
-
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है5 months ago
-
पितृ पक्ष6 months ago
-
‘नाबाद’ के बहाने ‘बाद’ की बातें1 year ago
-
गीत संगीत की दुनिया1 year ago
-
-
व्यतीत4 years ago
-
Demonetization and Mobile Banking7 years ago
-
मछली का नाम मार्गरेटा..!!9 years ago
नाप तोल
1 Aug2022 - 240
1 Jul2022 - 246
1 Jun2022 - 242
1 Jan 2022 - 237
1 Jun 2021 - 230
1 Jan 2021 - 221
1 Jun 2020 - 256
आप सबको होली की अनेक शुभकामनाएँ
Mar 15, 2006प्रेषक: अभिनव @ 3/15/2006
Labels: हास्य कविता
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 प्रतिक्रियाएं:
बहुत बढिया है, अभिनव भाई.
होली मुबारक आपकॊ...
समीर लाल
Post a Comment