पत्नी ये बोली एक बार अपने पति से,
शादी योग्य हो गई है बिटिया तुम्हारी जी,
जल्दी से ब्याहो इसे और गंगा नहाओ,
पाप धो के करो चलने की तैयारी जी,
पति बोला जल्दी ना मचाओ मिलने तो देओ,
कोई अच्छा लड़का कोई योग्य अधिकारी जी,
पत्नी बोलीं,
सोचो मेरे पिताजी यदि कुछ ऐसा सोच लेते,
आज तक भी मैं बैठी होती रे कुँवारी जी।
पत्नी ये बोली एक बार अपने पति से,
Mar 23, 2006प्रेषक: अभिनव @ 3/23/2006
Labels: हास्य कविता
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2 प्रतिक्रियाएं:
अच्छी हास्य कविता है, बधाई.
समीर लाल
बढिया है...
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