हुई गा प्रेम

Feb 14, 2017

'प्रेम लेऊ जी प्रेम लेऊ', मचल हौ चीख़ पुकार,
प्रेम सहज विस्तार है, प्रेम दिवस बाज़ार,
प्रेम दिवस बाज़ार, माँगती पत्नी छल्ला,
फूल लिए गलियन में घूमें लल्ली लल्ला,
कह अभिनव कविराय आज कल किस पे टेम,
कार्ड धरो, चकलेट चरो, बस हुई गा प्रेम।

0 प्रतिक्रियाएं: