महा लिख्खाड़
-
वृन्दावन में पदयात्री10 hours ago
-
-
आखिर जाने ऐसा क्या पा लेंगे!!2 weeks ago
-
‘नाबाद’ के बहाने ‘बाद’ की बातें1 month ago
-
हिंदी भाषा की विश्वव्यापकता3 months ago
-
रूपांतरण10 months ago
-
गीत संगीत की दुनिया11 months ago
-
-
व्यतीत3 years ago
-
Demonetization and Mobile Banking6 years ago
-
मछली का नाम मार्गरेटा..!!8 years ago
नाप तोल
1 Aug2022 - 240
1 Jul2022 - 246
1 Jun2022 - 242
1 Jan 2022 - 237
1 Jun 2021 - 230
1 Jan 2021 - 221
1 Jun 2020 - 256
ॐ नमः शिवाय!
Jul 15, 2014
कलाधर भुवनेश कालकंठ मंगलेश,
भूतनाथ भस्मशायी भद्र को नमन है,
गिरिजापति गिरीश गंगाधर गणनाथ,
शिव शम्भु नटराज उग्र को नमन है,
नीलकंठ भोलेनाथ महाकांत महादेव,
योगेश्वर अंबरीश रुद्र को नमन है,
विषपायी वृषकेतु वैद्यनाथ विश्वनाथ,
अंतक अकंप भालचंद्र को नमन है।
अक्षमाली अभिराम अत्रि अर्धनारीश्वर,
त्रिचक्षु, त्रिधामा, त्रिपुरारि को नमन है,
पशुपतिनाथ पिंगलाक्ष शमशानप्रिय,
शेखर शशांक जटाधारी को नमन है.
सारंग सतीश साँब कामरिपु सिद्धनाथ,
काशीनाथ नंदी की सवारी को नमन है,
आशुतोष अनिरुद्ध अभदन अरिदम,
इकंग ईशान कष्टहारी को नमन है।
प्रेषक: अभिनव @ 7/15/2014
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 प्रतिक्रियाएं:
Post a Comment