हास्य दर्शन दो - अभिनव की काव्य प्रस्तुति का विमोचन

Oct 27, 2009

अभिनव शुक्ल के दूसरे काव्य एल्बम, 'हास्य-दर्शन २' का विमोचन 'विश्व हिंदी न्यास' के अधिवेशन में अमेरिका के न्यू जर्सी प्रान्त की एडिसन नगरी में हुआ। अनूप भार्गव, डॉ सुरेन्द्र गंभीर, शशि पाधा, स्वामी प्रज्ञानंद, मेजर जनरल केशव पाधा, कमांडर रविन्द्र शर्मा, डॉ शशिकांत अग्रवाल और कैलाश शर्मा के कर कमलों द्वारा इस काव्य प्रस्तुति का विमोचन किया गया. 'हास्य-दर्शन दो' में अभिनव की १९ कविताओं को उनकी अपनी आवाज़ में सुना जा सकता है। इसमें हास्य, व्यंग्य, प्रवासी भाव तथा जीवन दर्शन से जुड़ी हुई कविताओं को प्रस्तुत किया गया है। अपनी इसी विविधता के कारण यह एलबम हास्य से दर्शन तक की यात्रा तय करता प्रतीत होता है।

कार्यक्रम के कुछ चित्र नीचे देखे जा सकते हैं.










18 प्रतिक्रियाएं:

बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें

बधाई हो अभिनव जी....

Unknown said...

बधाई व शुभाशीष

36solutions said...

झौंहा - झौंहा बधई.

बहुत बहुत बधाई प्रिय अभिनव जी.

हार्दिक बधाई । कभी sharadvyang.blogspot.com तथा sharadkritya.blogspot.com पर भी नज़रें इनायत कीजिए ।

आप लोग बहुत रचनात्मक और जीवन्त हैं जी!

Smart Indian said...

अभिनव जी,
बधाई और शुभकामनायें!

Udan Tashtari said...

बधाई हो अभिनव...स्वामी प्रज्ञानन्द जी कहाँ हैं अभी..जरा नम्बर भिजवा दो मुझे.

बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं ......

ABHINAVJI, badhai ho. aap vahan apne official kam ke saath in sab activities ke liye bhi samay nikal lete hain.aapko dhoti mein dekh kar maza aa gaya.

हास्य दर्शन के सुदर्शन कवि को बधाई:)

बधाई, बधाई एंड बधाई.....

बधाई, बधाई एंड बधाई.....

बधाई, बधाई एंड बधाई.....

Mukesh said...

Badhai ho dost!!

sab log hindi mein kaise likha pa rahe hain aapke blog mein
bataiyega

mukhya baat
aaj pehali baar, is 'sthal' par aane ka awasar hua
hasya darshan ke saath saath
badhai blog ki nirantarta ke liye bhi
iski saargarbhit, samardha karne wali saurabh ke liye bhi
Ashok Vyas
ITV, New York

Shardula said...

आपको बधाई और शुभकामनाएं कि बहुत प्रचलित हो ये. ज़रा एक audio पोस्ट पे भी लगाईये कि हम भी झलक देख लें.

Laxmi said...

अभिनव भाई बधाई और शुभ कामनायें नई पुस्तक के विमोचन पर। ज़रा देर हो गई लिखने में; माफ करिएगा।

Kavi Kulwant said...

haardik badhayi...