आई है ये शुभ घड़ी एक साल के बाद,
एक साल के बाद चलो कुछ हिंदी कर लें,
भाषा को कर चार्ज बैटरी अपनी भर लें,
बात हमारी सुनकर के वो बोले, 'क्या बे?',
हमनें हँस कर कहा गुरु 'हैप्पी हिंदी डे'.
वो सुबह कभी तो आएगी,
जब हिंदी लेखक के घर में नोबेल का प्राइज़ चमकेगा,
जब हिंदी कवि सम्मलेन की,
वो सुबह कभी तो आएगी,
जब आक्सफोर्ड की गलियों में तुलसी को पढ़ाया जाएगा,
जब माईकल रसिया नाचेगा,
जब सिंडी कजरी गाएगी,
वो सुबह कभी तो आएगी.
6 प्रतिक्रियाएं:
विश्वास रखनी चाहिए .. वो सुबह अवश्य आएगी .. ब्लाग जगत में कल से ही हिन्दी के प्रति सबो की जागरूकता को देखकर अच्छा लग रहा है .. हिन्दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं !!
सही है..
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
कृप्या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य का एक नया हिन्दी चिट्ठा शुरू करवा कर इस दिवस विशेष पर हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिजिये.
जय हिन्दी!
आपका हिन्दी में लिखने का प्रयास आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय उदाहरण है. आपके इस प्रयास के लिए आप साधुवाद के हकदार हैं.
आपको हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.
वो सुबह जरूर आयेगी शुभकामनायें
ऐसा ही हो...पैरोडी यथार्थ में बदले...
नीरज
उम्मीद पर दुनिया कायम है भाई
पर
इस चिंता के लिये बहुत-बहुत बधाई...
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