दिल्ली में,
एक छोटी सी बच्ची पुलिस के सामने तन कर खड़ी हो गयी,
पुलिस नें अपनी लाठी चलाई,
बच्ची, 'भारत माता की जय' चिल्लाई,
पुलिस नें खींच के झापड़ मारा,
बच्ची नें 'वन्दे मातरम' पुकारा,
अजब करामात थी,
ये उन्नीस सौ बयालीस की नहीं,
सन दो हजार ग्यारह की बात थी.
एक आंसू गैस का गोला,
जब एक वृद्ध संत के सर पर गिरा,
तो दगने की बजाय रोने लगा,
संत नें पूछा कि, 'क्या हुआ?'
वो बोला मेरी बेइज्जती में यही कसर बची थी,
अब सोते हुए, मासूमों पर भी मेरा प्रयोग होने लगा.
देश का जो चाहे उद्धार, उसको मारो लाठी चार,
बोले भारत की सरकार, जुग जुग जीवे भ्रष्टाचार.
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Abhinav Shukla
206-694-3353
Abhinav Shukla
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P Please consider the environment.
2 प्रतिक्रियाएं:
यही हो रहा है .. सटीक लिखा है
bahut hi kamal ki prastuti.
I am also a poet add me in your blog
ID is ghfdbzoya123
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