मित्रों यह मंत्र यहाँ पढ़ भी सकते हैं।
मुट्टम मंत्र
Nov 16, 2006प्रेषक: अभिनव @ 11/16/2006
Labels: हास्य कविता
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अलार्म बज बज कर, सुबह को बुलाने का प्रयत्न कर रहा है, बाहर बर्फ बरस रही है, दो मार्ग हैं, या तो मुँह ढक कर सो जाएँ, या फिर उठें, गूँजें और 'निनाद' हो जाएँ।
मित्रों यह मंत्र यहाँ पढ़ भी सकते हैं।
प्रेषक: अभिनव @ 11/16/2006
Labels: हास्य कविता
3 प्रतिक्रियाएं:
अभिनव
आपका मुट्टम मंत्र पूर्णतः कारगर है, इसके विज्ञापन के लिये माडल चाहिये, तो बंदा हाजिर है. :)
बहुत बढ़ियां.
जब हंसी रुकेगी तब आकर टिप्पणी लिखूंगा....
बहुत-बहुत बढ़ियां
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