मन मंदिर में झंकार रहे

Nov 22, 2012

हंसवाहिनी के हंस मोती चुनें, मोतियों की सदा भरमार रहे,
वीणापाणी की वीणा बजे रागिनी, मन मंदिर में झंकार रहे,
ज्ञानदायिनी, ज्ञान भले ही न दे, भक्ति और प्रेम की रसधार रहे,
तेरे चरणों में शीश नवाता रहूँ, माता तेरा सदा उपकार रहे।

पुत्र, बधाई देता हूँ मैं तुम्हें तुम्हारे जन्मदिवस पर

वैसे तो अथर्व का जन्मदिन 22 तारीख को होता है, पर इस वर्ष भारत में होने के कारण ये तिथि यहाँ से पहले ही आ रही है। 

तुम्हें गोद में लेकर लगता है मैं भी परिपूर्ण हुआ,
पुत्र, बधाई देता हूँ मैं तुम्हें तुम्हारे जन्मदिवस पर।

तुमने जीवन में आकर जीवन का अर्थ बताया है,
सुप्त मातृ भावों को जागृत कर उनको सहलाया है,
बाबा दादी के चेहरे की मुस्कानों में सजे रहो,
चाचा चाची के आशीषों की मिठास में पगे रहो,
माता हेतु रहो सदा तुम नई पूर्णता के द्योतक,
भगिनी हेतु सदा एक नटखट से भाई बने रहो,
पुत्र, बधाई देता हूँ मैं तुम्हें तुम्हारे जन्मदिवस पर।


चांदनी और सिहा गयी होगी

Nov 2, 2012

सोच रहा हूँ की जब श्रीमतीजी चन्द्र देव की पूजा करने गयी होंगी तो कैसा माहौल रहा होगा. विवाह के बाद यह दूसरी बार है जब हम लोग साथ नहीं हैं.

थाल के दीप की बाती भी नेह की बारिश भीग नहा गयी होगी,
साथ मिले सिर्फ जन्म क्यों सात ये बात विधि को बता गयी होगी,
प्रेम के मूल में त्याग छिपा यह आखर ढाई पढ़ा गयी होगी,
चाँद नें चाँद को देखा जो होगा तो चांदनी और सिहा गयी होगी.