संयुक्त राज्य अमेरिका की सिएटल नगरी में आचार्य विष्णु प्रभाकर, आचार्य रामनाथ सुमन, पंडित छैल बिहारी वाजपेयी 'बाण', कविवर ओमप्रकाश आदित्य, कविवर अल्हड़ बीकानेरी, कविवर लाड़ सिंह गुज्जर, कविवर ओम व्यास ओम एवं कविवर नीरज पुरी की स्मृति में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी रचनाकारों के नाम के दीप प्रज्ज्वलित किये गए. तदुपरांत सभा में उपस्थित लोगों नें अपने संस्मरण सुनाये. जयपुर से पधारे साहित्य के मूर्धन्य आलोचक डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल नें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इन सभी रचनाकारों के जाने को एक अपूरणीय क्षति बताया. उन्होंने विष्णु प्रभाकर के कृतित्व पर प्रकाश डाला और अल्हड़ बीकानेरी के साथ गुजारे हुए समय को भी याद किया. कानपुर से पधारे कवि डॉ कमल शंकर दवे नें अपने कवि सम्मेलनीय संस्मरण सुने हुए इन रचनाकारों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये. सिएटल नगरी के सुप्रसिद्ध कवि राहुल उपाध्याय नें इन रचनाकारों को श्रद्धांजलि देते हुए इनके जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बतलाया. अभिनव शुक्ल नें भी इन रचनाकारों को नमन किया तथा अपने संस्मरण सुनाये. भारतीय साहित्य के इन नए पुराने लेखकों और कवियों को याद करते हुए सभी नें दो मिनट का मौन रखा.
कार्यक्रम के अंत में एक काव्य गोष्ठी हुई जिसमें संतोष कुमार पाल, राहुल उपाध्याय, सलिल दवे, अभिनव शुक्ल एवं डॉ कमल शंकर दवे नें अपनी रचनाओं का पाठ किया. कार्यक्रम का संचालन अभिनव शुक्ल नें किया.
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अमेरिका की सिएटल नगरी में हुई हिंदी कवियों की श्रद्धांजलि सभा
Jul 21, 2009
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2 प्रतिक्रियाएं:
परदेस में रह कर अपने लोगों को याद करने के लिये यूं एकत्र होना एक बड़ी बात है । मेरी भी विनम्र श्रद्धांजलि उन सभीको जो असमय विदा हुए ।
अभिनव जी इस सत्प्रयत्न के लिये साधुवाद!
हम लोग यह कार्य यहाँ नहीं कर पाते और आप लोग देश से दूर देश के रत्नों को श्रद्धाजलि देने का आयोजन करते हैं। निश्चय ही यह कार्य स्तुत्य है।
आपके ब्लॉग पर पहली बार आया अच्छा लगा।
सादर
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