सियैटल में झिलमिलाया, "झिलमिल २०११ - हास्य कवि सम्मेलन"

Sep 22, 2011




सितम्बर १७, २०११ सियैटल, संयुक्त राज्य अमेरिका. पिछले वर्ष सियैटल में हुए कवि सम्मेलन को मिली आशातीत सफलता को देखते हुए नगरी की सांस्कृतिक संस्था प्रतिध्वनि इस वर्ष पुनः हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया. हिंदी भाषा का जो स्वरुप कविताओं में उजागर होता है वह अत्यंत आनंद प्रदान करने वाला होता है. सधे हुए कवि सम्मेलनों में प्रस्तुतिकरण के कौशल द्वारा कविताओं की मिठास में चार चाँद लग जाते हैं. यदि बात हास्य कविताओं की हो रही हो तो फिर मिठास और आनंद का एक नाभकीय विस्फोट होता है. सियैटल नगरी में 'झिलमिल २०११ - हास्य कवि सम्मेलन' का आयोजन १७ सितम्बर २०११ को हुआ. सांस्कृतिक संस्था प्रतिध्वनि की ओर से प्रस्तुत इस कार्यक्रम में दो सौ श्रोताओं नें लगभग चार घंटे तक अनेक चटपटी और झिलमिलाती हुई हास्य कविताओं का रसास्वादन किया.

शहाना नें मां सरस्वती की वंदना कर कार्यक्रम को प्रारंभ किया. इस कवि सम्मेलन में सन फ्रांसिस्को से पधारी अर्चना पंडा, वैंकुवर कनाडा से आये आचार्य श्रीनाथ प्रसाद द्विवेदी तथा उनकी धर्म पत्नी कांति द्विवेदी. सियैटल नगरी से अंकुर गुप्त, निहित कौल, ज्योति राज, अनु अमलेकर, कृष्णन कोलाड़ी एवं अभिनव शुक्ल नें अपनी कविताओं का पाठ किया. कार्यक्रम का संचालन अभिनव शुक्ल नें किया. लगातार दूसरे वर्ष आयोजित 'झिलमिल' कवि सम्मेलन में श्रोताओं नें जम कर ठहाके लगाये और श्रेष्ठ कविताओं को भी सराहा. इस आशा के साथ की आने वाले वर्षों में हिंदी भाषा एवं कविताओं की झिलमिलाहट और भी अनेक चेहरों पर मुस्कराहट लेकर आएगी झिलमिल २०११ संपन्न हुआ.

इन्हें भी देखें (झिलमिल संबंधी महत्वपूर्ण कड़ियाँ)
1. कार्यक्रम के कुछ चित्र
2. अर्चना पंडा जी का झिलमिलाता हुआ झिलमिल संस्मरण
3. झिलमिल २०११ की वेबसाईट