सूर्यवंश का धवल तेज बिखराने वाले,
महाराज वल्लभ के प्रताप को प्रणाम है।
वीरभूमि अग्रोहा जी को है नमन नित,
महालक्ष्मी के दिव्य जाप को प्रणाम है।
‘एक टका, एक ईंट’ धन्य धन्य रही रीत,
व्यक्ति से समाज के मिलाप को प्रणाम है|
शांति, तप, त्याग, तेज, ज्ञान के परम धाम,
महाराजा अग्रसेन आपको प्रणाम है।
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