मेरी क्रिसमस
Dec 24, 2012प्रेषक: अभिनव @ 12/24/2012 1 प्रतिक्रियाएं
छंद
Dec 23, 2012प्रेषक: अभिनव @ 12/23/2012 1 प्रतिक्रियाएं
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करूँ क्या दान...
Dec 22, 2012किसी को प्राण दे दिये, ह्रदय किसी का हो गया.
न कोई राग भैरवी कभी स्वरों को पा सका,
मगर मिलाप हो गया नयन से नभ की ताल का,
पड़ाव बन गया समय समय की तेज़ चल का,
कुछ ऐसी रोशनी हुयी मैं रोशनी में खो गया,
किसी को प्राण दे दिये, ह्रदय किसी का हो गया.
सपन थे द्वार पर खड़े न नींद किंतु आ सकी,
बहुत अधिक थकान थी शरीर खंड खंड था,
नयन को अपने तेज़ पर घमंड ही घमंड था,
जो पुण्य गोद मिल गई मैं गहरी नींद सो गया,
किसी को प्राण दे दिये, ह्रदय किसी का हो गया.
न कोई भेदभाव था प्रसन्न रोम रोम था,
उलझ सकी न ज़िंदगी किसी भी जात पात में,
फँसी न साँस फिर कभी कहीं किसी प्रपात में,
नए जनम की खोज में मैं उसके पास जो गया.
किसी को प्राण दे दिये, ह्रदय किसी का हो गया.
वो मेरे द्वार आ गई चमन चमन महक गए,
पवन का वेग थम गया गगन की धूप ढल गई,
वो दामिनी सी हंस पड़ी शिला शिला मचल गई,
बरस उठा कुछ इस तरह वो मेघ पाप धो गया,
किसी को प्राण दे दिये, ह्रदय किसी का हो गया.
किसी को प्राण दे दिये, ह्रदय किसी का हो गया.
प्रेषक: अभिनव @ 12/22/2012 0 प्रतिक्रियाएं
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पतझड़ का मौसम भी कितना रंग बिरंगा है
Dec 10, 2012पत्र वृक्ष से अब अनुमतियाँ लेने वाले हैं,
मधुर सुवासित पवन का झोंका मस्त मलंगा है,
पतझड़ का मौसम भी कितना रंग बिरंगा है.
पाँव महावर सजा हो, बिंदिया गीत सुनाती हो,
अक्षत, रोली, चन्दन, हल्दी संग विदाई हो,
ऐसी सजधज, देख जिसे सजधज को विस्मय हो,
मन के भीतर भीतर कुछ अंजाना सा भय हो,
मौन खड़े हैं वृक्ष बांह फैलाए बाबुल से,
बोल नहीं पाते हैं पर लगते हैं आकुल से,
अम्बर से भी बरस रही आशीष की गंगा है,
पतझड़ का मौसम भी कितना रंग बिरंगा है.
प्रेषक: अभिनव @ 12/10/2012 0 प्रतिक्रियाएं
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मन मंदिर में झंकार रहे
Nov 22, 2012वीणापाणी की वीणा बजे रागिनी, मन मंदिर में झंकार रहे,
ज्ञानदायिनी, ज्ञान भले ही न दे, भक्ति और प्रेम की रसधार रहे,
तेरे चरणों में शीश नवाता रहूँ, माता तेरा सदा उपकार रहे।
प्रेषक: अभिनव @ 11/22/2012 0 प्रतिक्रियाएं
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पुत्र, बधाई देता हूँ मैं तुम्हें तुम्हारे जन्मदिवस पर
तुम्हें गोद में लेकर लगता है मैं भी परिपूर्ण हुआ,
पुत्र, बधाई देता हूँ मैं तुम्हें तुम्हारे जन्मदिवस पर।
तुमने जीवन में आकर जीवन का अर्थ बताया है,
सुप्त मातृ भावों को जागृत कर उनको सहलाया है,
बाबा दादी के चेहरे की मुस्कानों में सजे रहो,
चाचा चाची के आशीषों की मिठास में पगे रहो,
माता हेतु रहो सदा तुम नई पूर्णता के द्योतक,
भगिनी हेतु सदा एक नटखट से भाई बने रहो,
पुत्र, बधाई देता हूँ मैं तुम्हें तुम्हारे जन्मदिवस पर।
प्रेषक: अभिनव @ 11/22/2012 0 प्रतिक्रियाएं
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चांदनी और सिहा गयी होगी
Nov 2, 2012थाल के दीप की बाती भी नेह की बारिश भीग नहा गयी होगी,
साथ मिले सिर्फ जन्म क्यों सात ये बात विधि को बता गयी होगी,
प्रेम के मूल में त्याग छिपा यह आखर ढाई पढ़ा गयी होगी,
चाँद नें चाँद को देखा जो होगा तो चांदनी और सिहा गयी होगी.
प्रेषक: अभिनव @ 11/02/2012 0 प्रतिक्रियाएं
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विजयदशमी की अनंत शुभकामनाएं.
Oct 24, 2012मन का रावण महा ढीठ है,
अपने मन की करता है,
कोई अंकुश नहीं मानता,
राम से भी न डरता है,
धीरे धीरे लंका नगरी,
और अयोध्या तक आकर,
अपना अधिकार जताता है,
स्वर्ण मृगों की धमाचौकड़ी,
आपहरण का कारण है,
जो आराध्य हैं अपने उनका,
जीवन एक उदाहरण है,
तुलसी बाबा लिख गए मानस,
अमल अचल मन त्रोन समाना,
जिसका शब्द शब्द अमृत है,
उसको प्यारे भूल न जाना.
प्रेषक: अभिनव @ 10/24/2012 0 प्रतिक्रियाएं
सास बहू और टेबिल टेनिस
Sep 20, 2012प्रेषक: अभिनव @ 9/20/2012 0 प्रतिक्रियाएं
Labels: कविताएं, हास्य कविता
चाय पिलाई जाए
Sep 19, 2012प्रेषक: अभिनव @ 9/19/2012 0 प्रतिक्रियाएं
Labels: कविताएं, हास्य कविता
बिन तेरे सब सून
आपके बिन जीवन भी सूना,
किचन बेचारा बोर हो रहा,
उसका हर बर्तन भी सूना,
बर्फ बने अम्बर के आंसू,
मंदिर का चंदन भी सूना,
होतीं तो झगड़ा ही करतीं,
गईं तो अपनापन भी सूना।
प्रेषक: अभिनव @ 9/19/2012 0 प्रतिक्रियाएं
ईद मुबारक
Aug 19, 2012प्रेषक: अभिनव @ 8/19/2012 0 प्रतिक्रियाएं
दिल पर हिन्दुस्तान के
Aug 15, 2012प्रेषक: अभिनव @ 8/15/2012 1 प्रतिक्रियाएं
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