इधर हमको दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित विश्व पुस्तक मेले में जाने का अवसर प्राप्त हुआ. वहां हिंद युग्म के मित्रों से मिलने का सुअवसर मिला. हमने 'पहला सुर' खरीदा तथा अपने ऍम पी ३ रिकॉर्डर में उनमें से कुछ महानुभावों के साक्षात्कार भी रेकॉर्ड कर लिए. हम तो औरों के भी करना चाहते थे पर दुकान बंद करने का समय हो चुका था और सुरक्षा विभाग के लोग अपनी सीटी बजाते हुए, डंडा फटकारते हुए 'हिंद युग्म' के स्टाल पर धरना प्रदर्शन करने लगे थे. आवाज़ कुछ बहुत बढ़िया नहीं आई है, कुछ रिकॉर्डर की कमी के कारण और कुछ मेरी अल्पज्ञता के कारण. अतः जो भी जैसा रेकॉर्ड हो सका है उसको आप तक अपने ब्लॉग द्वारा पहुँचने का प्रयास कर रहा हूँ. ये साक्षात्कार तथा कवितायेँ रेडियो सलाम नमस्ते के कवितांजलि कार्यक्रम में प्रसारित हो चुके हैं तथा इनको काफ़ी पसंद भी किया गया है.
पहली प्रस्तुति में आप रंजना रंजू जी, निखिल आनंद गिरी जी, सुनीता चोटिया जी, मनीष वंदेमातरम जी तथा शैलेश जी की कवितायेँ सुन सकते हैं.
और इस दूसरी प्रस्तुति में सुनते हैं की शैलेश भारतवासी जी अपने बारे में क्या क्या रहस्य की बातें बता रहे हैं.
पुस्तक मेले में सब लोगों से मिलना एक बड़ा अच्छा अनुभव रहा. बड़ी दूर तक स्मृतियों में अंकित रहेगा.
साक्षात्कार - हिंद युग्म के मित्र
Apr 10, 2008प्रेषक: अभिनव @ 4/10/2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 प्रतिक्रियाएं:
sunne ka ek alag hi lutf hai....
Post a Comment