कुछ संस्मरण कुछ स्मृतियाँ - महान राष्ट्रकवि डा बृजेन्द्र अवस्थी
समयः २७ जनवरी २००७, सायं ४ से ५
फोन नंबरः १-६४१-६९६-६६०० कोडः १२५८२
सभा स्थलः ३५१३ २०८ पी एल, एन ई, समामिष, सिएटल, संयक्त राज्य अमेरिका
संपर्कः २०६-६९४-३३५३, २०६-३५३-४७९२, ४२५-४४५-०८२७
1. 4:00 - 4:05 pm| ज्ञान, प्रेरणा एवं शक्ति के अद्भुत संचारक, डा बृजेन्द्र अवस्थी - अभिनव शुक्ला, सिएटल - यू एस ए
2. 4:05 - 4:10 pm| डा बृजेन्द्र अवस्थी की जीवन यात्रा - डा रवि प्रकाश सिंह, नैशविल - यू एस ए
3. 4:10 - 4:15 pm| डा बृजेन्द्र अवस्थी का सिनसिनाटी प्रवास - रेनु गुप्ता, सिनसिनाटी - यू एस ए
4. 4:15 - 4:20 pm| डा बृजेन्द्र अवस्थी की अमेरिका यात्रा - सुरेन्द्र नाथ तिवारी, ओंटारियो - कनाडा
5. 4:20 - 4:25 pm| डा बृजेन्द्र अवस्थी की आशुकविताएँ - डा जय रमन, न्यूयार्क - यू एस ए (संभावित)
6. 4:25 - 4:35 pm| डा बृजेन्द्र अवस्थी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व - डा वागीश दिनकर - पिलखुआ - भारत
7. 4:35 - 4:40 pm| डा बृजेन्द्र अवस्थी, काव्य मंच के जादूगर - राजेश चेतन - दिल्ली - भारत
8. 4:40 - 4:50 pm| मेरे बड़े भाई डा बृजेन्द्र अवस्थी - सोम ठाकुर - लखनऊ - भारत
9. 4:50 - 4:52 pm| दो मिनट का मौन
10. 4:52 - 4:55 pm| धन्यवाद ज्ञापन - राहुल उपाध्याय - समामिष - यू एस ए
11. 5:00 - 7:30 pm| काव्य गोष्ठी
आप में से जो भी जन इस श्रद्धान्जलि सभा में भाग लेना चाहते हों वे २७ जनवरी २००७, शनीवार के दिन सायं ४ से ५ (पी एस टी) बजे के मध्य यह नम्बर डायल कर सकते हैं फोन नंबरः १-६४१-६९६-६६०० कोडः १२५८२ अथवा इस पते पर पधार सकते हैं ३५१३ २०८ पी एल, एन ई, समामिष, सिएटल, संयक्त राज्य अमेरिका
कार्यक्रम के संचालन में सहायता हेतु आप अपने आने की सूचना shukla_abhinav at yahoo.com पर पहले से प्रदान कर सकते हैं।
अलग अलग टाईम ज़ोन के अनुसार कार्यक्रम का समय है:
२७-जनवरी-२००७ शनीवार - सायं ४ से ५ (पी एस टी - सिएटल)
२७-जनवरी-२००७ शनीवार - सायं ५ से ६ (एम एस टी - फीनिक्स)
२७-जनवरी-२००७ शनीवार - सायं ६ से ७ (सी एस टी - शिकागो)
२७-जनवरी-२००७ शनीवार - सायं ७ से ८ (ई एस टी - न्यूयार्क)
२८-जनवरी-२००७ रविवार - मध्यरात्रि १२ से १ (जी एम टी - इंगलैंड)
२८-जनवरी-२००७ रविवार - प्रातः ५-३० से ६-३० (आई एस टी - भारत)
महा लिख्खाड़
-
आसपास में सब चेतन है1 day ago
-
फिर हम क्यूँ माने किसी की बात!6 days ago
-
-
बाग में टपके आम बीनने का मजा7 months ago
-
गणतंत्र दिवस २०२०5 years ago
-
राक्षस5 years ago
-
-
इंतज़ामअली और इंतज़ामुद्दीन5 years ago
-
कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण और अर्जुन7 years ago
-
Demonetization and Mobile Banking8 years ago
-
मछली का नाम मार्गरेटा..!!10 years ago
नाप तोल
1 Aug2022 - 240
1 Jul2022 - 246
1 Jun2022 - 242
1 Jan 2022 - 237
1 Jun 2021 - 230
1 Jan 2021 - 221
1 Jun 2020 - 256
कुछ संस्मरण कुछ स्मृतियाँ - महान राष्ट्रकवि डा बृजेन्द्र अवस्थी
Jan 26, 2007प्रेषक: अभिनव @ 1/26/2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 प्रतिक्रियाएं:
अपनी वीणा में से तराश मां शारद ने
जिसके हाथों मे इक लेखनी सजाई थी
जिसकी हर कॄति के शब्द शब्द में छुपी हुई
सातों समुद्र से ज्यादा ही गहराई थी
जिसकी वाणी का ओज प्राण भर देता था
मॄत पड़े हुए तन में अमॄत की धारा बन
मैं अक्षम हूं कुछ बात कर सकूँ उस कवि की
ब्रह्मा ने वर में जिसको दी कविताई थी.
Post a Comment