मधुर मधुर गीतों में रस की फुहारें ज्यों,
ज़िन्दगी के कैनवस पे रंग प्यारे प्यारे ज्यों
सुबह की सैर में हों धूप के इशारे ज्यों,
सतरंगी चूनर पे टंके हों सितारे ज्यों,
तेरे आने से बिटिया मौसम यूँ महका है,
फूलों की बगिया में आई हों बहारें ज्यों.
तू जन्मों से संचित किसी पुण्य के फल सी,
मन के मरुस्थल में बूँद बन के आई है,
जब तुझको देखा तो ऐसी अनुभूति हुयी,
जीवन में रुनझुन है गूंजी शहनाई है,
नवयुग की नव बेला राह देखती तेरी,
तू इसमें जीवन की परिभाषा बन जाना,
प्रकृति का तेज त्याग तप तुझमें वास करे,
तू दृढ संकल्पों की अभिलाषा बन जाना,
तेरा अस्तित्व रहे सदा सूर्य सा दीपित,
तेरा प्रवाह, बहें गंगा के धारे ज्यों,
तेरे आने से बिटिया मौसम यूँ महका है,
फूलों की बगिया में आई हों बहारें ज्यों.
महा लिख्खाड़
-
सियार5 days ago
-
मैं हूं इक लम्हा2 weeks ago
-
दिवाली भी शुभ है और दीवाली भी शुभ हो4 weeks ago
-
-
बाग में टपके आम बीनने का मजा4 months ago
-
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है1 year ago
-
पितृ पक्ष1 year ago
-
-
व्यतीत4 years ago
-
Demonetization and Mobile Banking7 years ago
-
मछली का नाम मार्गरेटा..!!9 years ago
नाप तोल
1 Aug2022 - 240
1 Jul2022 - 246
1 Jun2022 - 242
1 Jan 2022 - 237
1 Jun 2021 - 230
1 Jan 2021 - 221
1 Jun 2020 - 256
तेरे आने से बिटिया......
Apr 23, 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
11 प्रतिक्रियाएं:
Congrtulations Abhinav & Deepti for Avika!
wah...sunder rachna..sadhuwaad.
love it ...
बिटिया सच में रेगिस्तान को भी हरा भरा कर देती है... फूलों की बगिया सी महके और महकाए आपकी बिटिया...
beautiful and heart felt words..
Wahhhh.., bahut Badiya.
Badhai
aditya
Wah.., Bahut Badiya.
Apne Satkarmo.n ka pratifal
Beta ki kilakari hai...
Purkho.n ke satkarmo.n ka fal
Beti se fulwari hai...
ये कली खिली अँगनाई में सुरव्हित कर दे मन का मधुबन
घर द्वारे गलियाँ बन महकें अलकापुर का नन्दन कानन
अभिनव सपने हौं दीप्त सभी जो लिखे भाल पर विधना ने
अविका की कूची बरसाये, सुधियों पर नित ला कर सावन
हार्दिक मंगलकामनायें
VERY GOOD ,WELCOME TO NEW BORN CHILD GIRL IN SHUKLA'S FAMILY FROM A.K. SHUKLA & JYOTSNA
very beautiful !!
आदरणीय शकुंतला बहादुर जी की और से मिले आशीर्वचन भी यहाँ प्रेषित कर रहा हूँ:
Subject: अभिनव-दीप्तिसुता नवजात "अविका" के जन्म पर माता-पिता को हार्दिक बधाई!!!
नवजात नन्हीं कलिका अविका के जन्म पर-
अविका ! तुम आ गईं,
मन के आँगन में
खुशियाँ बरसा गईं,
चाँदनी सी छा गईं।
आँगन में चिड़ियाँ चहक उठीं,
उपवन में कलियाँ महक उठीं,
नन्हीं किरणों की ज्योति लिये,
लहरों का सा संगीत लिये ,
वसन्त की कलिका सी,
सुगन्ध बिखरा गईं।
अविका ! तुम आ गईं।।
*
अमुवा पे कोयल कूक उठी,
मधुवन में वंशी गूँज उठी,
कुंजों में नर्तन करें मोर,
उषा जैसे लाई हो भोर,
तुम प्यार भरा सन्देश लिये,
मृदुल नवल लतिका सी,
मन को हर्षा गईं।
अविका ! तुम आ गईं।।
** ** ** **
हार्दिक-शुभाशीष एवं असीम प्यार सहित,
शकुन्तला बहादुर
कैलिफ़ोर्निया
Post a Comment