आज ये समाचार (ग़ुलाम नबी के बयान पर विवाद) पढ़े। कुछ पंक्तियाँ बनीं,
जब हमको ज़िन्दगी के खेल में ग़म मात देते हैं,
न हिन्दू साथ देते हैं न मुस्लिम साथ देते हैं,
वो बूढ़ा आज तक हमको पढ़ाने पर उतारू है,
मगर हम पढ़ नहीं पाते हैं केवल दाद देते हैं,
बड़ी मुश्किल से नेता कोई अच्छी बात करता है,
मगर ये धर्म के पिट्ठू उसे भी काट देते हैं,
साथ में सुनिए एक बहुत अच्छी ख़बर - आज ही हमनें यूट्यूब पर महान ब्लागर रवि रतलामी जी पर समाचार देखने को मिले। आप भी यहाँ क्लिक कर के देख-सुन सकते हैं।
महा लिख्खाड़
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गुलाम नबी का बयान और रवि रतलामीजी की न्यूज़
Oct 5, 2007प्रेषक: अभिनव @ 10/05/2007
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3 प्रतिक्रियाएं:
पंक्तियां अच्छी बन पड़ी हैं. बधाई. यही जागरुकता आवश्यक है.
बहुत सटीक लिखा आपने. धन्यवाद.
महान ब्लागर?????
आपने तो जरा ज्यादा ही महान लिख दिया :)
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