ललितजी की पोस्ट के कमेंट्स पढ़कर पांच पर बन गयी एक कुंडली:
पांच उँगलियाँ, पांच हैं सागर अति विशाल,पांच सितारा होटल में, पञ्च मेल की दाल,पञ्च मेल की दाल खा गए पांडव न्यारे,पांच चिन्ह दे गए हैं हमको पंज पियारे,पञ्च तत्व, पंजाब और पंचामृत को जांच,ओलम्पिक के खेल में भी हैं छल्ले पांच.
काम क्रोध मद मोह और लोभ हैं पञ्च विकार,साम दाम दंड भेद भय ये हैं पञ्च उपचार,ये हैं पञ्च उपचार, पांचवा साल चुनावी,व्यास, चिनाब, झेलम अपनी सतलुज रावी,पञ्च प्रचारक पोस्ट की भली करें श्री राम,तीन पांच काफी हुआ करते हैं अब काम.
पांच
Aug 18, 2011प्रेषक: अभिनव @ 8/18/2011 0 प्रतिक्रियाएं
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