इधर अमेरिका के पूर्वी तट पर हुए एक कार्यक्रम में सविताजी एवं जसपाल भट्टी जी से मिलने का सुअवसर मिला. हमें भी कवितायें सुनाने के लिए इस कार्यक्रम में बुलाया गया था. भट्टी जी के फैन तो हम बचपन से हैं. मौके का लाभ उठाते हुए हमने उनका साक्षात्कार भी ले लिया. आप नीचे सुन सकते हैं. कार्यक्रम के कुछ चित्र भी दिए जा रहे हैं.
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आज इनके विवाह की पच्चीसवीं वर्षगाँठ है, इस अवसर पर सविताजी और जसपालजी को अनेक शुभकामनाएं.
उल्टा पुल्टा हो रहा दुनिया का हर काम,
फुल टेंशन में खो गया जीवन का आराम,
जीवन का आराम फ्लॉप शो बना हुआ है,
चेहरा फिर भी मुस्कानों से सना हुआ है,
सविता औ जसपाल व्यंग के बाण चलायें,
महकें चहकें लहकें हरदम हसें हसायें.






