tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post5822787264938523878..comments2023-09-03T20:06:37.331+05:30Comments on निनाद गाथा: लातूर महाराष्ट्र में ही है नअभिनवhttp://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-65829581571743900922008-03-29T19:10:00.000+05:302008-03-29T19:10:00.000+05:30अच्छा लिखा है अभिनव भाई ..बस यही मनाता हूँ ये नकार...अच्छा लिखा है अभिनव भाई ..बस यही मनाता हूँ ये नकारात्मक राजनीति यहीं रुक जाएAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-17616485476248839452008-03-11T20:28:00.000+05:302008-03-11T20:28:00.000+05:30कोई जाति कोई पंथ विशेष नहींप्रांतवाद का भी कोई परि...कोई जाति कोई पंथ विशेष नहीं<BR/>प्रांतवाद का भी कोई परिवेश नहीं<BR/>राज ठाकरे को जाकर ये समझाओ <BR/>मुंबई भारत का हिस्सा है देश नहींराजेश चेतनhttps://www.blogger.com/profile/02936601025640157778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-31853466114320985032008-03-08T20:58:00.000+05:302008-03-08T20:58:00.000+05:30कोई न कोई बहाना चाहिये दंगो को फ़ैलाने का...शिवाजी ...कोई न कोई बहाना चाहिये दंगो को फ़ैलाने का...शिवाजी गये मगर उनके नाम को डूबाने मे कसर नही छोड़ी गई है...क्या वो चाहते थे उनके नाम पर दंगा हो?सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-36202435108999350882008-03-07T12:10:00.000+05:302008-03-07T12:10:00.000+05:30बहुत बढ़िया । मुझे नहीं लगता लातूर शोलापुर वाले कहे...बहुत बढ़िया । मुझे नहीं लगता लातूर शोलापुर वाले कहेंगे कि हमारे महाराष्ट्र में मत रहो । ये सब बातें खुराफाती मस्तिष्कों की देन हैं ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-91057198307091446822008-03-07T07:06:00.000+05:302008-03-07T07:06:00.000+05:30ये तथाकथित मराठी शेरों को जरूर पढ़ना चाहिए।ये तथाकथित मराठी शेरों को जरूर पढ़ना चाहिए।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-83977773866640925952008-03-07T03:03:00.000+05:302008-03-07T03:03:00.000+05:30बहुत मार्मिक सामयिक लिखा है अभिनव - बहुत बढ़िया - ...बहुत मार्मिक सामयिक लिखा है अभिनव - बहुत बढ़िया - मनीषAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-90484618744196422942008-03-06T17:40:00.000+05:302008-03-06T17:40:00.000+05:30क्या बात है. राज और बाल ठाकरे को यह जरूर पढ़ना चाह...क्या बात है. राज और बाल ठाकरे को यह जरूर पढ़ना चाहिए कुछ तो शर्म आयेगी इन राक्षसों को.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-6315965618526551982008-03-06T17:17:00.000+05:302008-03-06T17:17:00.000+05:30अति संवेदनशील..वैसे पहले लातूर था तो महाराष्ट्र मे...अति संवेदनशील..वैसे पहले लातूर था तो महाराष्ट्र में ही..अब हालात देख खुद को अलग करने का मन बना लिया हो, तो कह नहीं सकते. काश, इन शहरों की भी जुबान होती इन शहरियों की ही तरह.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com