tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post5257437341018940300..comments2023-09-03T20:06:37.331+05:30Comments on निनाद गाथा: अयोध्या है हमारी और हम हैं अयोध्या केअभिनवhttp://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-59105833951940610372007-02-05T20:46:00.000+05:302007-02-05T20:46:00.000+05:30बहुत खुब. इन्हें यहां हम सब से बांटने के लिये साधु...बहुत खुब. इन्हें यहां हम सब से बांटने के लिये साधुवाद.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-78468464637818188482007-02-05T10:35:00.000+05:302007-02-05T10:35:00.000+05:30मुझे नहीं पता था कि अयोध्या पर इतनी अच्छी और मार...मुझे नहीं पता था कि अयोध्या पर इतनी अच्छी और मार्मिक कविता ऐसे कवियों ने लिखी है, जो ज्यादा नहीं जाने जाते। यह इस देश का दुर्भाग्य भी है। कैफी आज़मी ने भी 1992 के बाद एक नज्म लिखी थी। मुझे उसकी पहली पंक्ति का आशय याद है: राम वनवास से जब लौट कर घर को आये। अयोध्या पर जितनी भी ऐसी कविताएं हो सकती हैं, उन्हें एक जगह संकलित करने की कोशिश करें।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-49414009044719680062007-02-05T09:37:00.000+05:302007-02-05T09:37:00.000+05:30अंतिम पंक्तिया दिल को छु गई.अंतिम पंक्तिया दिल को छु गई.Anonymousnoreply@blogger.com