tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post7929361708399492887..comments2023-09-03T20:06:37.331+05:30Comments on निनाद गाथा: रावण लिखा - पत्थर तैर गयाअभिनवhttp://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-5993039674647674842007-11-07T15:55:00.000+05:302007-11-07T15:55:00.000+05:30राम से बडा राम का नाम....जय श्री रामराम से बडा राम का नाम....जय श्री रामNeeraj Rajputhttps://www.blogger.com/profile/04539779918627905380noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-766094808349099792007-10-11T12:01:00.000+05:302007-10-11T12:01:00.000+05:30वाह वाहवाह वाहराजेश चेतनhttps://www.blogger.com/profile/02936601025640157778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-976336193594135712007-10-10T20:23:00.000+05:302007-10-10T20:23:00.000+05:30अच्छी प्रस्तुति…।राम नाम की शक्ति जो समझें वो भी प...अच्छी प्रस्तुति…।<BR/>राम नाम की शक्ति जो समझें वो भी पार और जो न समझा वो भी पार…बस सबके भीतर राम ही है।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-88624482447346056942007-10-10T18:12:00.000+05:302007-10-10T18:12:00.000+05:30आस्था हो मन में तो प्रह्लाद ने ये कहापत्थरों में ई...आस्था हो मन में तो प्रह्लाद ने ये कहा<BR/>पत्थरों में ईश भी उतर चले आते हैं<BR/>एक विश्वास का परस जो मिले तो शिला<BR/>क्या है,आ सुमेरु भी तो सिन्धु तैर जाते हैं<BR/>नाम तो बहाना मात्र, राम भी बहाना मात्र<BR/>एक संकल्प, एक निश्चय, एक आस्था<BR/>इनकी पकड़ के जो उंगलियां चलें तो सभी<BR/>नाव के बिना ही सिन्धु पार चले जाते हैंराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-9328824754595315852007-10-10T15:04:00.001+05:302007-10-10T15:04:00.001+05:30राम की राम जाने, हमें तो छंद पसन्द आया.राम की राम जाने, हमें तो छंद पसन्द आया.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-80935921977302704642007-10-10T15:04:00.000+05:302007-10-10T15:04:00.000+05:30राम की राम जाने, हमें तो छंद पसन्द आया.राम की राम जाने, हमें तो छंद पसन्द आया.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-70866155037367999132007-10-10T10:13:00.000+05:302007-10-10T10:13:00.000+05:30पत्थर तो कलम देखते ही तैरने लगते हैं...भाई यह लेखन...पत्थर तो कलम देखते ही तैरने लगते हैं...भाई यह लेखनी का जादू है...न राम का प्रभाव है न रावण काबोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-71847931723390128772007-10-10T08:17:00.000+05:302007-10-10T08:17:00.000+05:30बहुत सुन्दर! राम के प्रताप से रावण भी तर जायेगा! ह...बहुत सुन्दर! राम के प्रताप से रावण भी तर जायेगा! <BR/>हम लोग भी।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-10743989932876134132007-10-10T07:52:00.000+05:302007-10-10T07:52:00.000+05:30कोई भी शब्द बराबर दोहराया जाए तो वह एक अनुनाद पैदा...कोई भी शब्द बराबर दोहराया जाए तो वह एक अनुनाद पैदा करता है जो आपके मन को व्यवस्थित और शांत कर सकता है। वाल्मीकि ने तो मरा-मरा ही कहा था। लेकिन जाप से आंतरिक शांति ही मिलती है कोई बाहरी संपदा नहीं। चमत्कार की बातों को दन्त्य कथाओं में ही रहने दीजिए।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-34976408788285309982007-10-10T07:29:00.000+05:302007-10-10T07:29:00.000+05:30बहुत खूब!बहुत खूब!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-83061582432068544022007-10-10T07:07:00.000+05:302007-10-10T07:07:00.000+05:30बोलो सियावर रामचंद्र की, जय...अभिनव, बहुत बढ़िया छ...बोलो सियावर रामचंद्र की, जय...<BR/><BR/>अभिनव, बहुत बढ़िया छन्द.....Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-33028340277049389552007-10-10T06:26:00.000+05:302007-10-10T06:26:00.000+05:30दशानन बोला "मैंने छोड़ते हुए ये कहा,तैर जा ओ शिला ...दशानन बोला "मैंने छोड़ते हुए ये कहा,<BR/>तैर जा ओ शिला तुझे राम की कसम है।"<BR/><BR/><BR/>--वाह वाह, बहुत खूब बांधा है घनाक्षरी छंद में. अगर मैं सही हूँ तो...मैने तो वैसे ही पढ़ा. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com