tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post7218410667836186675..comments2023-09-03T20:06:37.331+05:30Comments on निनाद गाथा: कविवर देवेन्द्र शुक्ल को समर्पित एक काव्य संध्याअभिनवhttp://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-3071658027329707252010-05-09T09:39:18.550+05:302010-05-09T09:39:18.550+05:30अभिनव भाई,
जानकारी अच्छी लगी। यह जानकर और भी अच्छा...अभिनव भाई,<br />जानकारी अच्छी लगी। यह जानकर और भी अच्छा लगा कि मंच पर कविता की खोज आज भी जारी है। हास्य का अपना महत्त्व है और आज के समय में इसकी प्रासंगिकता और भी बढ गयी है बशर्ते कि वह हंसा दे ! हास्य और कविता दोनों की जहां अपनी स्वतन्त्र सत्ता है वहीं अगर हास्य कविता और कविता हास्य हो जाय तो कविता भी हो गयी और हास्य भी हो गया। आप जैसे कुछ लोग यह बखूबी कर लेते हैं ।<br />शुभकामनाओं सहित,<br />अमरेन्द्रअमरेन्द्र:https://www.blogger.com/profile/01441622529368131856noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-62747874173027186592010-05-05T02:48:21.740+05:302010-05-05T02:48:21.740+05:30धन्यवाद अभिनव,
कार्यक्रम में भाग लेने के साथ साथ ...धन्यवाद अभिनव,<br />कार्यक्रम में भाग लेने के साथ साथ आपने इतने अच्छे फोटो लिए(When did you get time ??? How did you manage???) और आपने उसका विवरण इतने जीवंत प्रकार से किया है, पढ़कर बहुत ही आनंद आया |<br />आपकी कवितायेँ बहुत ही सारगर्भित और दिल को छू लेने वाली हैं |<br />इश्वर करे आप हमेशा इसी तरह लिखें और आगे बढ़ें |<br /><br />शुभकामनाओं सहित,<br />अर्चना दीदीUnknownhttps://www.blogger.com/profile/12632182523379404370noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-74259812002650969772010-05-04T04:11:17.996+05:302010-05-04T04:11:17.996+05:30प्रिये अभिनव
आपका ब्लॉग पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. उपमा...प्रिये अभिनव<br />आपका ब्लॉग पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. उपमा के कवि सम्मलेन को सफल बनाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद. आज के व्यस्त जीवन में हंसी के कुछ पल इस नीरस जीवन में बहुत ज़रूरीहैं<br />कृपया अपनी हास्य रस के कविता से हुम सब के मनोरंजन हमेशा करते रहीये<br />सुनीताUnknownhttps://www.blogger.com/profile/09874911976634715454noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-13412416348124655652010-05-03T08:23:09.964+05:302010-05-03T08:23:09.964+05:30अभिनव जी यह खबर पढ़ कर बहुत अच्छा लगा..आज चुटकुलों...अभिनव जी यह खबर पढ़ कर बहुत अच्छा लगा..आज चुटकुलों के दौर में हिन्दी की हास्य कविताओं की गूँज अभी भी देश विदेश में फैली है...प्रस्तुति के लिए बहुत आभारविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-62951978017311541132010-05-03T07:13:09.597+05:302010-05-03T07:13:09.597+05:30सुन्दर सचित्र रिपोर्ट !सुन्दर सचित्र रिपोर्ट !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-3397224879793704032010-05-03T05:34:58.078+05:302010-05-03T05:34:58.078+05:30बढ़िया लगा जानकर कविवर देवेन्द्र शुक्ल को समर्पित ...बढ़िया लगा जानकर कविवर देवेन्द्र शुक्ल को समर्पित एक काव्य संध्या के बारे में.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-41728607898926607512010-05-03T02:31:10.871+05:302010-05-03T02:31:10.871+05:30सही जहा है बन्धु आपने ,हुई दूर कविता मंचों से
जहां...सही जहा है बन्धु आपने ,हुई दूर कविता मंचों से<br />जहां आजकल सिर्फ़ विदूषक बहुतायत में पाये जाते<br />यह विवरण पढ्च कर फिर से इस मन में ये विश्वास जगा है<br />कविता अभी यहां जीवित है, और बढ़ेगी हँसते गातेराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.com