tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post3924714636480019127..comments2023-09-03T20:06:37.331+05:30Comments on निनाद गाथा: सुनिए और पढ़िए - मृत्यु गीतअभिनवhttp://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-2150896659728986652007-06-14T01:09:00.000+05:302007-06-14T01:09:00.000+05:30पढा़, सुना और चिन्तन किया|गीत अच्छा लगा!पढा़, सुना और चिन्तन किया|<BR/>गीत अच्छा लगा!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-50641337802079689542007-06-12T05:09:00.000+05:302007-06-12T05:09:00.000+05:30हम काश समर्पित कर पाएँ अपना कण कण,रिश्तों की हर इक...हम काश समर्पित कर पाएँ अपना कण कण,<BR/>रिश्तों की हर इक रस्म निभानी है हमको,<BR/>जीलो जीवन को पूरी तरह आज ही तुम,<BR/>बस यह छोटी सी बात बतानी है हमको। <BR/><BR/>बहुत बढ़िया अभिनव भाई...बधाईReetesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/12515570085939529378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-81548451508641813892007-06-11T12:58:00.000+05:302007-06-11T12:58:00.000+05:30पर मृत्यु तेरे आलिंगन के आकर्षण में,छोटा सा तिनका ...पर मृत्यु तेरे आलिंगन के आकर्षण में,<BR/>छोटा सा तिनका भी पर्वत से जीत गया,<BR/><BR/>बहुत खूब। अच्छा गीत बन पडा है।<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.com