tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post114643451510491295..comments2023-09-03T20:06:37.331+05:30Comments on निनाद गाथा: अनुगूँज १९ - "संस्कृतियाँ दो और आदमी एक"अभिनवhttp://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-1148195234749209932006-05-21T12:37:00.000+05:302006-05-21T12:37:00.000+05:30अनुगूँज १९ के लिए कुछ शब्द हैं।प्रेमलता पांडेअनुगूँज १९ के लिए कुछ शब्द हैं।<BR/>प्रेमलता पांडेप्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-1146940903122841832006-05-07T00:11:00.000+05:302006-05-07T00:11:00.000+05:30जब संस्कार गहरे तक उतरे हों तब ये दृश्य उभरते हैं।...जब संस्कार गहरे तक उतरे हों तब ये दृश्य उभरते हैं। आज की पीढ़ी के लिए सीख है,<BR/>चाहें तो आदर्श बनाएं।<BR/>प्रेमलता पांडेप्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-1146521443421253252006-05-02T03:40:00.000+05:302006-05-02T03:40:00.000+05:30हृदयस्पर्शी लेख है, अनुगून्ज १९ की शुरुआत शानदार ह...हृदयस्पर्शी लेख है, अनुगून्ज १९ की शुरुआत शानदार है।ई-छायाhttps://www.blogger.com/profile/15074429565158578314noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-1146505322740386702006-05-01T23:12:00.000+05:302006-05-01T23:12:00.000+05:30महानुभावों के बारे में जानकारी देने का शुक्रिया।पढ...महानुभावों के बारे में जानकारी देने का शुक्रिया।पढ़कर अच्छा लगा।<BR/><EM>संस्कृतियाँ चाहे कितनी भी क्यों ना हों पर मानव स्वभाव के मूल में जो अच्छाई है वह हर जगह किसी ना किसी रूप में उजागर हो ही जाती है। </EM>सही लिखा!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-1146486018521220352006-05-01T17:50:00.000+05:302006-05-01T17:50:00.000+05:30अनुगूंज के आयोजन पर बधाईबहुत अच्छा और सुन्दर लिखा ...अनुगूंज के आयोजन पर बधाई<BR/>बहुत अच्छा और सुन्दर लिखा है, भारतीयता का प्रचार कर रहै लोगो के बारे में जानकर प्रसन्नता हुई। धन्य है ये लोग जो एसे अच्छे कार्य कर रहै हैं, अन्यथा कुछ एसे भी हैं जो फोरेनर बनकर स्वयं को उच्च समझते हैं।<BR/>गब्बर वाला उदाहरण शानदार रहा।Yugalhttps://www.blogger.com/profile/07262836865022038577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-22420687.post-1146452723456735362006-05-01T08:35:00.000+05:302006-05-01T08:35:00.000+05:30जमीन से जुड़े व्यक्तित्वों की कहानियाँ सचमुच हृदयग...जमीन से जुड़े व्यक्तित्वों की कहानियाँ सचमुच हृदयग्राही हैं और अनुकरणीय हैं.<BR/><BR/>इस सिलसिले को और आगे बढ़ाएँ तो प्रसन्नता होगी.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.com