सियैटल में झिलमिलाया, "झिलमिल २०१२ - कवि सम्मलेन"

Jun 22, 2012





शहाना नें करी माँ शारदा की स्तुति


उपेन्द्र मटमारी के काव्य पाठ से शुरू हुआ कार्यक्रम


निहित कौल नें सुनाया सुमधुर गीत


डॉ वागीश दिनकर नें भरा श्रोताओं में ओज


अभिनव नें पढ़ी पत्नी चालीसा


राहुल उपाध्याय नें दिखाए शब्दों के खेल


अगस्त्य कोहली नें सुनाई लाइब्रेरी गाथा

महेश दुबे का पोज़
मई २७२०१२ सियैटलसंयुक्त राज्य अमेरिकानगरी की सांस्कृतिक संस्था प्रतिध्वनि नें लगातार तीसरे वर्ष झिलमिल कवि सम्मेलन का आयोजन कियाइस बार के कवि सम्मेलन में अमेरिका के कवियों से संग भारत से आये तीन रचनाकारों नें भी अपनी कवितायेँ पढ़ीं.  हिंदी भाषा का जो स्वरुप कविताओं में उजागर होता है वह अत्यंत आनंद प्रदान करने वाला होता हैसधे हुए कवि सम्मेलनों में प्रस्तुतिकरण के कौशल द्वारा कविताओं की मिठास में चार चाँद लग जाते हैंयदि बात हास्य कविताओं की हो रही हो तो फिर मिठास और आनंद का एक नाभकीय विस्फोट होता है.  सांस्कृतिक संस्था प्रतिध्वनि की ओर से प्रस्तुत इस कार्यक्रम में दो सौ श्रोताओं नें लगभग चार घंटे तक अनेक चटपटी और झिलमिलाती हुई हास्य कविताओं का रसास्वादन किया.

शहाना नें मां सरस्वती की वंदना कर कार्यक्रम को प्रारंभ कियाइस कवि सम्मेलन में ग़ाज़ियाबाद से पधारे वीर रस के ओजस्वी कवि डॉ वागीश दिनकरमुंबई से आये लाफ्टर चैम्पियन तथा हास्य कवि महेश दुबेहैदराबाद से व्यंग्यकार कवि उपेन्द्र मट्मारीसियैटल नगरी से निहित कौलअगस्त्य कोहलीराहुल उपाध्याय एवं अभिनव शुक्ल नें अपनी कविताओं का पाठ कियाकार्यक्रम का संचालन अभिनव शुक्ल नें कियातीसरे 'झिलमिलकवि सम्मेलन में श्रोताओं नें जम कर ठहाके लगाये और श्रेष्ठ कविताओं को भी सराहाइस आशा के साथ कि आने वाले वर्षों में हिंदी भाषा एवं कविताओं की झिलमिलाहट और भी अनेक चेहरों पर मुस्कराहट लेकर आएगी झिलमिल २०१२ संपन्न हुआ.
(चित्र सौजन्य : दिनेश कोरडे)
झिलमिल की वेबसाईट