पीली पड़ी है देश की संसद कमाल है

Sep 14, 2008





दिल्ली भी लाल हो गई जयपुर भी लाल है,
पीली पड़ी है देश की संसद कमाल है,

हम तुम भी बात कर के पीक देंगे पान को,
गरमा गरम ख़बर है सुनो बेमिसाल है,

फिर चोट लगी दर्द हुआ खून बहा है,
किसने किया? - इतिहास - क्लास दो - सवाल है,

हिन्दी मराठी जुगलबंदी बांसुरी पे है,
तबले पे तीन ताल है धुरपद ख्याल है.

5 प्रतिक्रियाएं:

सही है, संसद सन्नाटे में है। जाने क्यों हलकान हैं लोग!

Anonymous said...

एकदम दिल को छूजाने वाला लिखा है अभिनव जी

Reetesh Gupta said...

बढ़िया है अभिनव भाई ...पर क्या करें ...कोई राह हो तो बतायें..

Reetesh Gupta said...

बढ़िया है अभिनव भाई ...पर क्या करें ...कोई राह हो तो बतायें..

Reetesh Gupta said...

बढ़िया है अभिनव भाई ...पर क्या करें ...कोई राह हो तो बतायें..