गुरु सरकार बच गई

Jul 23, 2008




जो कुछ भी हुआ हो गुरु सरकार बच गई,
लगता था डूब जायगी मंझधार, बच गई,

मुद्दे को डीप फ्राई कर न पाई भाजपा,
हो तेल बचा या न बचा धार बच गई,

व्यापार में भी प्यार का आभास छिपा है,
गलियों में बहा हरा हरा प्यार बच गई,

सरदारजी कुछ और भले लगने लगे हैं,
कर ही दिया था पूरा आर पार बच गई.

4 प्रतिक्रियाएं:

पूरी सहमति। अस्थिरता से निजात मिली।

Udan Tashtari said...

आपने भी आर पार में कमी तो न ही छोड़ी है...

बहुत समय बीता...बात ही नहीं हुई..

लगा कि जैसे सपनों में भी मुलाकात ही न हुई!!!


...चलो, जल्द बात करते हैं!

Abhishek Ojha said...

सच है कुछ भी हो सरकार तो बच ही गई :-)

bahut dino baad najar aaye ...par achha likha hai bhai....