न्यूयार्क में 'अभिनव अनुभूतियाँ' का विमोचन

Mar 29, 2006


२५ मार्च २००६, न्यूयार्क, संयुक्त राज्य अमेरिका, अभिनव शुक्ल के काव्य संकलन 'अभिनव अनुभूतियाँ' का विमोचन 'अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति' के तात्वाधान में न्यूयार्क स्थित सत्यनारायण मंदिर सभागार में किया गया। पुस्तक का विमोचन समिति के सचिव श्री अनूप भार्गव, भारतीय संस्कृति एवं शिक्षा के काउन्सल श्री रविन्द्रनाथ पांडा एवं व्यंग्यकार श्री भारतभूषण तिवारी के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ। विमोचन के उपरांत श्री अनूप भार्गव नें अभिनव की कविताओं को कवि सम्मेलनीय परंपरा को पुनर्स्थापित करने वाला बताया। उन्होंने यह भी कहा कि मंच पर अनर्गल चुटकुले सुनाने का समझौता अभिनव को नहीं करना पड़ता है यही उसकी शक्ति है। उन्होंने आगे कहा कि अभिनव की कविताओं में हास्य तथा जीवन मूल्यों का एक सामंजस्य देखने को मिलता है तथा संप्रेषण की दृष्टि से सरल भाषा में लिखी हुई रचनाएं पढ़ने के बाद कभी तो खिलखिला कर हंसने का मन करता है तो कभी मौन होकर विचार के पटल पर अंकित शब्दों को कुरेदने का। श्री पांडा नें पुस्तक के प्रकाशन पर अभिनव को शुभकामनाएं दीं तथा भविष्य में और भी संकलनों के प्रकाशित होने की आशा जताई। श्री भारतभूषण नें स्वयं को अभिनव की कविताओं का बड़ा प्रशंसक बतलाया तथा पुस्तक के प्रकाशन पर अभिनव को अपनी शुभकामनाएं दीं।
'अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति' , न्यूयार्क शाखा के अध्यक्ष श्री शेर बहादुर सिंह नें अभिनव को धन्यवाद देते हुए कहा कि सहज हास्य के कुशल चितेरे अभिनव नें अपनी कविताओं के माध्यम से अनेक श्रोताओं के मन में घर बनाया है। इस अवसर पर बोलते हुए अभिनव नें कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उनकी पुस्तक का विमोचन ऐसे पवित्र स्थान पर हो रहा है। उन्होंने यह भी आशा जताई कि अन्य युवा कवियों को भी समिति की ओर से वही स्नेह और समर्थन प्राप्त होगा जो कि उन्हें प्राप्त हुआ है।
'अभिनव अनुभूतियाँ' में अभिनव की विविध भावों पर लिखी रचनाओं का समागम देखने को मिलता है। पुस्तक का प्रारंभ राष्ट्र भक्ति की भावना से ओत प्रोत कविताओं से होता है। दोहा, ग़ज़ल, छन्द आदि को समाहित करती हुई पुस्तक के अंत में विशुद्ध हास्य की रचनाओं को स्थान दिया गया है। पाण्डुलिपी प्रकाशन, दिल्ली, द्वारा प्रकाशित पुस्तक का मूल्य १५० रुपए है। पुस्तक के फ्लैप पर डा ब्रजेन्द्र अवस्थी, सोम ठाकुर, उदय प्रताप सिंह, डा अशोक चक्रधर, डा सुनील जोगी तथा प्रवीण शुक्ल के विचार दिए गए हैं। अभिनव का नाम पिछले कुछ समय से नई पीढ़ी के अत्यंत संभावनाशील कवियों में लिया जा रहा है। देश विदेश के अनेक मंचों पर काव्य पाठ कर चुके अभिनव भारत के एक प्रतिष्ठित साफ्टवेयर प्रतिष्ठान में अभियंता के पद पर कार्यरत हैं।
विमोचन के उपरांत बच्चों नें रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया तथा होली कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें डा लक्ष्मन ठाकुर, अनूप भार्गव, डा अंजना संधीर, देवी नागरानी, रामबाबू गौतम, बिंदू अग्रवाल, अशोक व्यास, अभिनव शुक्ल समेत अनेक कवियों नें अपनी कविताएं सुनाईं। कार्यक्रम का संचालन अशोक सिंह एवं रानी सरिता नें किया।

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चित्रः बाएं से दाएं, अनूप भार्गव, अभिनव शुक्ल, भारतभूषण तिवारी, डा रविनद्रनाथ पंडा एवं रानी सरिता
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5 प्रतिक्रियाएं:

मैं गौरव का अनुभव करता जब जब भी तुमको पढ़ता हूँ
रसभीनी,मनमोहक लिखते कविता यह पल पल कहता हूँ
प्रतिमान प्रगति के नये नये तुम स्थापित करो ज़िन्दगी
बस यही कामना लिये हुए आशीष तुम्हें मैं देता हूँ

राकेश

तीसरी पंक्ति के अंत में " में " छूट गया था. क्षमा करें

Dr. Seema Kumar said...

बहुत बहुत बधाई एवँ शुभकामनाएँ ।

Udan Tashtari said...

बहुत बहुत मुबारकबाद और शुभकामनाऎं, अभिनव भाई.
समीर लाल

Anonymous said...

हार्दिक शुभकामनाएं अभिनव भाई..
बढ़िया लगा आपकी पुस्तक के बारे में पढ़कर.....
और हां फोटो में आप कुछ दुबले लग रहे हैं .लग रहा है मुट्ट्म मन्त्र का पालन बन्द है आजकल :-)